नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) : RBI New Rules for Bank Lockers : बैंकों के लॉकर में अगर आप अपनी बेशकीमती और जरूरी चीजें रखते हैं तो इस खबर को पढ़ लीजिए. रिजर्व बैंक ने लॉकर को लेकर नियमों में बदलाव किया है. इन बदलावों का सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो लॉकर्स का इस्तेमाल करते हैं. RBI के नए नियम अगले साल 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएंगे.
बैंकों की जिम्मेदारी की जाएगी तय
बैंकों को अपने बोर्ड से मंजूर ऐसी नीति को लागू करना होगा जिसमें लापरवाही की वजह से लॉकर में रखे सामान को लेकर उनकी जिम्मेदारी तय की जा सके. नियम के मुताबिक प्राकृतिक विपत्ति या ‘एक्ट ऑफ गॉड’ यानी भूकंप, बाढ़, आसमानी बिजली, आंधी-तूफान के मामले में बैंक किसी नुकसान के लिए जिम्मेदारी नहीं होगा.
चोरी, धोखाधड़ी हुई तो बैंक देगा मुआवजा
RBI New Rules for Bank Lockers : बैंकों को अपने परिसर को इस तरह की आपदाओं से बचाने के लिए उचित इंतजाम सुनिश्चित करना होगा. इसके अलावा जिस परिसर में सुरक्षित जमा लॉकर हैं, उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी बैंक की ही होगी. RBI के नए नियम के मुताबिक आग, चोरी, इमारत ढहने या बैंक कर्मचारियों के ओर से किए गए धोखाधड़ी के मामले में बैंकों की देनदारी उसके वार्षिक किराए के 100 गुना तक सीमित होगी.
पेमेंट नहीं किया तो खोला जा सकता है लॉकर
अगर ग्राहक की ओर से लगातार तीन सालों तक लॉकर के लिए किराए का भुगतान नहीं किया गया है तो बैंक इस पर एक्शन ले सकता है और उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए किसी भी लॉकर को खोल सकता है.
गैर-कानूनी नहीं रख सकते सामान
बैंकों को लॉकर करार में एक प्रावधान शामिल करना होगा, जिसके तहत लॉकर किराये पर लेने वाला ग्राहक लॉकर में किसी भी तरह का गैरकानूनी या खतरनाक सामान नहीं रख सकेगा.
वेटिंग लिस्ट का नंबर होगा जारी
बैंकों के लिए लॉकर ऑपरेशंस का SMS और E-Mail कस्टमर्स को भेजना जरूरी होगा. बैंकों को लॉकर आवंटन के सभी आवेदनों के लिए रसीद देनी होगी. अगर लॉकर उपलब्ध नहीं है, तो बैंकों को उपभोक्ताओं को Waiting List का नंबर देना होगा. बैंकों के Branch वाइज लॉकर अलॉटमेंट की जानकारी और Waiting List Core Banking System से जोड़ा जाएगा या साइबर सिक्योरिटी ढांचे के कंप्लायंस वाली किसी दूसरे कंप्यूटराइज्ड सिस्टम में डालना होगा.
इन ग्राहकों को भी मिलेगी सुविधा
बैंक के मौजूदा ग्राहक जिन्होंने लॉकर सुविधा के लिए आवेदन किया है और जो CDD मानदंडों का पूरी तरह से अनुपालन करते हैं, उन्हें Safe Deposit Locker/Safe Custody आर्टिकल की सुविधा दी जा सकती है. जिन ग्राहकों का बैंक के साथ कोई दूसरा बैंकिंग रिलेशन नहीं है, उन्हें Safe Deposit Locker/Safe Custody आर्टिकल की सुविधा दी जा सकती है.
लॉकर की शिफ्टिंग के लिए नए नियम
बैंक ग्राहक को सूचना देने के बाद ही लॉकर की शिफ्टिंग एक जगह से दूसरी जगह कर सकेंगे. लॉकर के किराए के रूप में टर्म डिपॉजिट का इस्तेमाल किया जा सकता है. स्ट्रॉन्ग रूम/वॉल्ट की सुरक्षा के लिए बैंक को पर्याप्त कदम उठाने होंगे. एंट्री और एग्जिट का CCTV Footage कम से कम 180 दिन रखना जरूरी होगा.