
चित्रकूट (वीकैंड रिपोर्ट)– Jagadguru Rambhadracharya Clearification on Dispute : तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एक साक्षात्कार के बाद फैले आक्रोश को शांत करने के लिए एक वीडियो जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि विधर्मी शक्तियां सनातन धर्म को निर्बल बनाने के लिए तोड़ मरोड डालते हैं, संतों में भेद करते हैं। सभी को एक होकर हिंदू धर्म की रक्षा में तत्पर हो जाना चाहिए। जो मेरे लिए भ्रम फैलाया जा रहा है, गलत है। मैंने प्रेमानंद जी या किसी अन्य संत के लिए गलत टिप्पणी नहीं की है और न करूंगा।
दरअसल, रामभद्राचार्य ने कहा था कि मैं चैलेंज करता हूं कि प्रेमानंद संस्कृत का एक भी अक्षर बोलकर दिखा दें या फिर श्लोकों का अर्थ समझा दें।
नए वीडियो में तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा है कि उन्होंने प्रेमानंद महाराज पर कोई भी अभद्र टिप्पणी नहीं की है और जब भी प्रेमानंद जी उनसे मिलने आएंगे तो वह आशीर्वाद देंगे और उन्हें ह्रदय से लगाएंगे। एक आचार्य होने के नाते में सबसे कहता हूं कि संस्कृत का अध्ययन करना चाहिए। जो सामान्य लोग चोला पहनकर वक्तव्य दे रहे हैं, जिन्हें एक भी अक्षर नहीं आता है, मैंने उत्तराधिकारी को भी कहा है कि संस्कृत पढ़ना चाहिए। मैं तो सबको कह रहा हूं कि हर हिंदू को संस्कृत पढ़ना चाहिए। आज भी मैं खुद पढ़ता हूं, 18-18 घंटे पढ़ता हूं।”
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