
Dharmasthala case (वीकैंड रिपोर्ट): कर्नाटक के गृह मंत्री G परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि धर्मस्थल में ‘कई हत्याओं, बलात्कारों और शवों को दफनाने’ के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच ‘गंभीरता’ से चल रही है और सरकार चाहती है कि जांच जल्द से जल्द पूरी हो। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान स्थिति में इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की कोई आवश्यकता नहीं है।
दो दशकों में धर्मस्थल में कई शवों को दफनाने का दावा
परमेश्वर ने कहा कि जांच गंभीरता से चल रही है। करोड़ों श्रद्धालुओं ने धर्मस्थल मामले पर चिंता व्यक्त की है और वे सच्चाई सामने आने का इंतज़ार कर रहे हैं। इसलिए, स्वाभाविक रूप से, विशेष रूप से शिकायतकर्ता चिन्नैया की गिरफ्तारी के बाद, एसआईटी पर और ज़िम्मेदारी बढ़ गई है। उनके बयान और उसके प्रभाव – इन सभी पहलुओं पर एसआईटी गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने यहाँ पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार भी चाहती है कि जाँच जल्द से जल्द पूरी हो और एसआईटी भी इस संबंध में हर संभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार एसआईटी की दिन-प्रतिदिन की जाँच में हस्तक्षेप नहीं कर रही है। एकत्रित जानकारी के आधार पर, एसआईटी अपने दायरे में और कार्य-अवधि के अनुसार जाँच कर रही है। एक शिकायतकर्ता, जिसकी बाद में पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई और जिसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया, ने पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में कई शवों को दफनाने का दावा किया, जिनमें यौन उत्पीड़न के निशान वाली महिलाओं के शव भी शामिल थे, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। इस मामले में स्थानीय मंदिर के प्रशासकों की संलिप्तता सामने आई। भाजपा ने मंदिर को निशाना बनाए जाने का विरोध किया था।
कंकाल मिलने की बात
राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी, जो आरोपों की जाँच कर रही है, ने धर्मस्थल में नेत्रवती नदी के किनारे जंगली इलाकों में शिकायतकर्ता द्वारा चिन्हित कई स्थानों पर खुदाई की है, जहाँ दो जगहों पर कुछ कंकाल मिले हैं। विपक्षी भाजपा ने मांग की है कि धर्मस्थल के खिलाफ “षड्यंत्र” के पीछे के लोगों को बेनकाब करने के लिए मामले को एनआईए को सौंप दिया जाए। गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि मामले को एनआईए को सौंपने की कोई ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि एसआईटी प्रभावी ढंग से जाँच कर रही है।
झूठी गवाही
आपको बता दें कि सीएन चिन्नय्या द्वारा कब्रों के रूप में पहचाने गए 13 स्थानों में से केवल दो पर ही मानव अवशेष पाए गए। चिन्नय्या के आरोपों की जाँच होने पर उनकी पूर्व पत्नी और परिचितों ने कहा कि वह आदतन झूठ बोलता है। उन्हें झूठी गवाही देने और शपथ लेकर झूठ बोलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, और बाद में उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें साज़िश के तहत ऐसे आरोप लगाने के लिए मजबूर किया गया था।
अप्राकृतिक मौतों की संख्या लगभग 400
दिलचस्प बात यह है कि इस विवाद के बीच, सुजाता भट्ट नाम की एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी 19 वर्षीय बेटी अनन्या, कॉलेज ट्रिप के दौरान धर्मस्थल से लापता हो गई। बाद में उन्होंने अपने आरोप वापस ले लिए और कहा कि उनके परिवार का मंदिर के साथ संपत्ति का विवाद है, और इस मामले से जुड़े कुछ लोगों ने उन्हें ये आरोप लगाने के लिए मजबूर किया। सुजाता भट्ट ने कहा कि उनकी कोई बेटी नहीं है। उन्होंने फिर पलटी मारते हुए कहा कि उनकी एक बेटी है, लेकिन यूट्यूबर्स ने उन्हें झूठ बोलने के लिए मजबूर किया। अपुष्ट रिपोर्टों के अनुसार, धर्मस्थल में लापता लोगों और अप्राकृतिक मौतों की संख्या लगभग 400 है, लेकिन इन दावों की पुष्टि के लिए कोई गहन जाँच नहीं हुई है।
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