नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) : जून 2020 में ब्रिटिश डेंटल जर्नल में पब्लिश रिसर्च में कहा गया कि खराब ओरल हेल्थ यानी दांतों और मसूढ़ों की खराब सेहत वाले लोगों में कोविड-19 के गंभीर लक्षण अधिक पाए गए। शोधकर्ताओं ने पाया कि फेफड़ों के संक्रमण के दौरान मुंह में होने वाले लार या रक्त के फेफड़ों में जाने का खतरा होता है, जिससे संक्रमण वहां तक पहुंच सकता है।
यही नहीं मेयो क्लीनिक के मुताबिक, खराब ओरल हेल्थ के कारण हृदय रोग, गर्भधारण और जन्म से जुड़ी समस्याएं, निमोनिया, डायबिटीज, हडि्डयों से जुड़े रोग ऑस्टियोपोरोसिस और अल्जाइमर्स का भी खतरा अधिक होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ओरल हेल्थ दुनिया में बड़ी समस्या है। 60-90 प्रतिशत स्कूली बच्चे और युवा इससे पीड़ित है।
दांत स्वस्थ रखने के तरिके
1) ब्रश कब ना करें: खट्टा खाने के 30 मिनट बाद तक
खट्टे फल और जूस के बाद दांतों का इनेमल मुलायम पड़ जाता है। तुरंत ब्रश करने से नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए 30 से 60 मिनट बाद ही ब्रश करना चाहिए।
2) सफाई कैसे करें: 45 डिग्री एंगल से, चार हिस्सों में बांटकर
दांतों की सफाई मुंह के पिछले हिस्से से शुरू करें। मुंह को चार हिस्सों में मानते हुए इसे टॉप लेफ्ट, टॉफ राइट, बॉटम लेफ्ट और बॉटम राइट में बांट लें। ब्रश को लगभग 45 डिग्री एंगल पर रखें। यानी ब्रश आधा मसूड़ों पर और आधा दांतों पर होना चाहिए। हर सेक्शन में 30 सेकंड तक सफाई करें।
3) क्या ज्यादा खाएं: कच्चे और रेशेदार फल का इस्तेमाल बढ़ाएं
कच्चे और रेशेदार फल जैसे सेब, नाशपाती, गाजर, दांतों की सतह को स्क्रब करते हैं। इससे प्लाक निकल जाता है। इन्हें चबाने में भी समय लगता है, जिससे लार बनती है जो एसिड को बेअसर करती है।
4) क्या कम खाएं: सोडा, स्पोर्ट्स ड्रिंक और जंक फूड से बचें
शुगर वाली चीजें सबसे ज्यादा नुकसानदायक हैं क्योंकि प्लाक के बैक्टीरिया इसी से एसिड बनाते हैं। केचअप, सोडा, स्पोर्ट्स ड्रिंक, फ्लेवर्ड योगर्ट, पास्ता सॉस यानी जंक फूड कम से कम खाएं।
इन तीन ख़तरों को आप रोक सकते हैं
1) दिल को खतरा: खराब डेंटल हेल्थ से रक्त प्रवाह में बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, जो हृदय के वाल्व को प्रभावित कर सकता है। दांतों के टूटने के पैटर्न का भी दिल की धमनियों से संबंध होता है।
2) कैंसर: वेब एमडी के मुताबिक, खराब ओरल हेल्थ वाले लोगों में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) से मुंह के संक्रमण का खतरा अधिक होता है, जो बाद में मुंह के कैंसर का कारण बन सकता है।
3) डायबिटीज: इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक, खराब मसूड़े एक समय के बाद ब्लड ग्लूकोज लेवल को प्रभावित करना शुरू कर देते हैं। इससे मधुमेह तेजी से बढ़ने लगता है। अथवा पहले से पीड़ित मरीज की स्थिति और खराब होने लगती है।
-----------------------------------------------------------------
देश-दुनिया की ताजा खबरों के लिए >>>Join WhatsApp Group Join<<< करें। आप हमें >>>Facebook<<< फॉलो कर सकते हैं। लेटेस्ट खबरें देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को भी सबस्क्राइब करें।
-----------------------------------------------------------------