नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट)- Farmers protest in Delhi : किसानों ने फिर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसानों ने इसे ‘चलो दिल्ली मार्च’ का नाम दिया है, लेकिन इसे किसान आंदोलन 2.0 भी कहा जा रहा है। इस आंदोलन को पिछली बार की तरह सभी किसान संगठनों का समर्थन प्राप्त नहीं है। यह किसान आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर पर नहीं हो रहा है। इसे अलग-अलग किसान संगठन मिलकर आयोजित कर रहे हैं। किसानों की मांगों को लेकर सरकार के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन फाइनल सहमति नहीं बन पा रही है। आइए आपको बताते हैं कि किन मांगों को लेकर किसान संगठन बार-बार आंदोलन कर रहे हैं।
Farmers Protest in Delhi : इन मांगों को लेकर डटे हैं किसान
- किसानों की सबसे खास मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनना है।
- किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग भी कर रहे हैं।
- आंदोलन में शामिल किसान कृषि ऋण माफ करने की मांग भी कर रहे हैं।
- किसान लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
- भारत को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाए।
- कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए।
- किसानों और 58 साल से अधिक आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू करके 10 हजार रुपए प्रति माह पेंशन दी जाए।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए सरकार की ओर से स्वयं बीमा प्रीमियम का भुगतान करना, सभी फसलों को योजना का हिस्सा बनाना और नुकसान का आकलन करते समय खेत एकड़ को एक इकाई के रूप में मानकर नुकसान का आकलन करना।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को उसी तरीके से लागू किया जाना चाहिए और भूमि अधिग्रहण के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए गए निर्देशों को रद्द किया जाना चाहिए।
- कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाए।
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