
चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट): केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल से लॉकडाउन में सशर्त छूट देने का एलान किया है, लेकिन पंजाब के छह जिलों में यह छूट नहीं दी जाएगी। तीन मई तक इन सभी जिलों में लॉकडाउन और कर्फ्यू जारी रहेगा, जिसका सख्ती से पालन भी कराया जाएगा। क्योंकि इन जिलों को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है और कंटेनमेंट जोन (संक्रमित क्षेत्र) में रखा गया है। ऐसे में यहां प्रत्येक सार्वजनिक गतिविधि पर सख्ती से प्रतिबंध जारी रहेगा। मोहाली, नवांशहर, जालंधर, पटियाला, लुधियाना और पठानकोट का नाम इस सूची में है।
न कर्फ्यू में ढील और न रमजान के लिए विशेष छूट: कैप्टन
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में लागू कर्फ्यू में 3 मई तक किसी भी तरह की ढील देने से साफ इंकार कर दिया है। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि 3 मई को स्थिति का एक बार फिर जायजा लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को सभी जिलों में कर्फ्यू का सख्ती से पालना करवाने के आदेश दिए।इस सप्ताह शुरू हो रहे रमजान पर्व के दौरान भी किसी किस्म की ढील या छूट देने से उन्होंने इंकार किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रमज़ान के लिए लोगों को कोई भी विशेष कर्फ्यू पास जारी नहीं किए जाने चाहिएं। मुख्यमंत्री ने सिविल और पुलिस प्रशासन के सीनियर अधिकारियों के साथ मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के बाद यह फैसला लिया।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा देश में नॉन कंटेंनमेंट जोन घोषित किए इलाकों में 20 अप्रैल से लॉकडाउन में ढील देने के तहत लिया गया है। हालांकि जमीनी हकीकत पर विचार-विमर्श करने के बारे मुख्यमंत्री का यह दृढ़ विचार है कि उनकी सरकार द्वारा गेहूं की कटाई और खरीद कार्यों के साथ-साथ विभिन्न औद्योगिक /भट्टे व निर्माण गतिविधियां, जहां प्रवासी मजदूरों के रहने की व्यवस्था है, के बारे में पहले से लिए गए फैसलों को छोड़कर कोई ढील नहीं दी जानी चाहिए।सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि इस समय सभी कोशिशें जिंदगी बचाने पर केंद्रित की जानी चाहिएं। आने वाले समय के लिए कोई भी फैसला 3 मई के बाद लिया जाएगा, जो उस समय की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों की कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर होगा। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट अगले हफ्ते देगी।
इससे अधिक कामगारों वाले उद्योगों को काम शुरू करने की अनुमति दे दी है। इसमें यह शर्त है कि इनके संचालकों को श्रमिकों की फैक्टरी में रहने की उचित व्यवस्था या परिवहन के उचित प्रबंध करने होंगे। इसके लिए भी संचालकों को अपने श्रमिकों के कर्फ्यू पास बनवाने होंगे। गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि यह निर्देश 20 अप्रैल से जारी किए जाने वाले केंद्र सरकार के संशोधित दिशा-निर्देशों के अधीन जारी किए गए हैं।
पंजाब के गृह विभाग द्वारा सभी उपायुक्तों को जारी निर्देशों के अनुसार स्टोन क्रशर, रेत और बजरी खनन जैसी निर्माण संबंधी गतिविधियों की इजाजत दी गई है। हालांकि केंद्र सरकार के निर्देशों में इसका विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया है, फिर भी यह निहित है कि स्टोन क्रशर, रेत-बजरी खनन और इसके परिवहन, सीमेंट, स्टील आदि के बिक्री आउटलेट संबंधी गतिविधियों को भी अनुमति दी जा रही है। इसके अलावा, राज्यों को अपने संशोधित निर्देशों में केंद्र सरकार ने नगरपालिका सीमा के भीतर सड़कों, सिंचाई परियोजनाओं, भवन निर्माण, जल आपूर्ति और स्वच्छता, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं जैसी निर्माण परियोजनाओं में काम जारी रखने की अनुमति दी है।
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