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मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ व फैमिली वैलफेयर विभाग की ओर से जारी सूची
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रैपिड एंटीजन तकनीक पर होंगे अब टेस्ट, ट्रायल चल रहे
चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट) : शहर में कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव मामले बढ़ते जा रहे है। शहर की सेहत विभाग और प्रशासन की ओर से लोगों को इस संक्रमण से बचाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे है। शहर में इस समय 445 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए है। जिसमें से 335 मरीज ठीक होकर अपने घरों को चले गए है। इसी बीच मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ व फैमिली वैलफेयर विभाग की ओर से रविवार को जारी की गई सूची में यह बताया गया है कि चंडीगढ़ कोरोना संक्रमण के रिकवरी रेट में काफी अच्छा काम कर रहा है।
शहर के डॉक्टरों व प्रशासन के दिनरात संक्रमण को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे कार्यों के कारण ही 15 राज्यों में चौथे स्थान पर चंडीगढ़ का नाम आया है। काेरोना संक्रमण के रिकवरी रेट में चंडीगढ़ 77.8 फीसदी अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। इस सूची में पहले स्थान पर मेघालय है उसका रिकवरी रेट 89.1 है। दूसरे स्थान पर राजस्थान 78.8, तीसरे स्थान पर त्रिपुरा का 78.6 फीसदी रिकवरी रेट है। इस सूची में 65.7 प्रतिशत की दर से पंजाब 13वें स्थान पर है जबकि 15वें नंबर पर पश्चिम बंगाल है जहां कोरोना मामलों में रिकवरी रेट 65.0 फीसदी है।
रैपिड एंटीजन तकनीक पर होंगे अब टेस्ट,ट्रायल प्रोजेक्ट चल रहा
अब कोरोना होने पर आपको रिपोर्ट के इंतजार में घंटों आईसोलेशन में नहीं रहना पड़ेगा। इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने पीजीआई चंडीगढ़ को कोरोना संक्रमित पॉजिटिव है या निगेटिव इसका जल्द पता लगाने के लिए रैपिड एंटीजन तकनीक से टेस्ट का ट्रायल प्रोजेक्ट सौंपा है। इसका उद्देश्य अभी लैब के जरिए हो रहे टेस्ट और इस तकनीक से टेस्ट के नतीजों में कोई अंतर तो नहीं है। अगर यह ट्रायल सफल रहा तो मात्र 15 मिनट में ही पता लग जाएगा कि कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या निगेटिव । अभी लैब से रिपोर्ट आने में 6 से 8 घंटे कम से कम समय लगता है। सेंपल ज्यादा हों तो एक से दो दिन का वक्त भी लग जाता है।
रैपिड एंटीजन व मैनुअल नतीजों का एनालिसिस किया जाएगा
पीजीआई के डायरेक्टर प्रो. जगत राम ने बताया कि मरीज के आने पर पहले उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट लिया जाएगा। इसकी रिपोर्ट को तब तक गुप्त रखा जाएगा। जब तक कि उसकी लैब रिपोर्ट नहीं आ जाती। दोनों रिपोर्ट के आने के बाद रैपिड एंटीजन और मैनुअल के नतीजों का एनालिसिस किया जाएगा। अगर रैपिड एंटीजन और मैनुअल टेस्ट के नतीजे एक समान आते हैं तो रैपिड एंटीजन के जरिए ही टेस्ट किए जाएंगे। कोरोना काल के दौरान ही टेस्ट रिपोर्ट में खामियां पाए जाने पर आईसीएमआर ने इसके इस्तेमाल पर दो दिन के लिए बैन लगा दिया था। उन्होंने बताया कि फिलहाल 100 मरीजों पर इस तरह से टेस्ट कारने को कहा गया है।
आईसीएमआर ने दिल्ली में रैपिड एंटीजन टेस्ट तकनीक सुविधा शुरू की
इससे पहले दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए आईसीएमआर ने वहां पर रैपिड एंटीजन टेस्ट तकनीक से टेस्ट की सुविधा शुरू की गई थी। जिससे टेस्टिंग में तेजी आई। पीजीआई चंडीगढ़ में भी इस सुविधा का ट्रायल इसलिए करने को कहा गया है कि क्योंकि विशेषज्ञों ने इस रीजन में कोरोना के पीक पर आने की आशंका जताई है। दिल्ली में नई टेस्टिंग तकनीक रैपिड एंटीजन टेस्ट के जरिए कोरोना वायरस की टेस्टिंग शुरू हो गई है। फिलहाल ने इस तकनीक को केवल कंटेनमेंट जोन और हॉस्पिटल या क्वारेंटाइन सेंटर में इस्तेमाल करने की इजाजत दी है।
आईसोलेशन में रखने के लिए नहीं पड़ेगी अतिरिक्त बैड की जरूरत
अगर रैपिड एंटीजन से टेस्ट रिपोर्ट के परिणाम सटीक आते हैं तो चंडीगढ़ सहित पूरे देश रैपिड एंटीजन टेस्ट तकनीक से टेस्ट किए जाएंगे। अभी लैब से रिपोर्ट आने में न्यूनतम 8 घंटे लगते हैं अगर सेंपल ज्यादा हों तो एक से दो दिन में रिपोर्ट आती है। रैपिड एंटीजन टैस्ट की रिपोर्ट मात्र 15 मिनट में आ जाएगी। इससे फायदा यह होगा कि जो मरीज निगेटिव होंगे वे सीधे अपने घरों को चले जाएंगे सिर्फ उन्हीं मरीजों को आईसोलेशन में रखा जाएगाा, जो पॉजिटिव होंगे।
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