
नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): काबीलियत किसी पहचान की मोहताज नहीं होती। कुछ ऐसा ही कारनामा साल 2018 में 17 साल के दिव्यांग गणेश ने कर दिखाया था। उन्होंने एनईईटी परीक्षा में 223 अंक हासिल कर साबित कर दिया था कि उन्हें आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकता। हालांकि जैसा उन्होंने सोचा वैसा बिल्कुल भी नहीं हुआ। एलईईटी परीक्षा में बेहतरीन अंक हासिल करने के बावजूद उन्हें मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं दिया गया। वजह थी उनकी हाइट। साल 2018 में उनकी उम्र 17 साल थी और उनकी हाइट मात्र 3 फीट जबकि वजन 14 किलोग्राम था। गणेश की ऐसी कदकाठी को देखकर उन्हें किसी भी मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं दिया गया। गणेश ने इतना कुछ होने के बाद भी हार नहीं मानी और कानूनी लड़ाई लड़ी। अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को उन्हें मेडिकल कॉलेज में दाखिला देने का आदेश दिया है।

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