नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): राष्ट्रीय स्वयंसेवक के अर्थव्यवस्था पर काम करने वाले आनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के शपथग्रहण से पहले एक धमाकेदार आरोप लगाया है। एसजेएम ने कहा है कि एनडीए में शामिल शिरोमणि अकाली दल की सांसद एवं कार्यवाहक मंत्री हरसिमरत कौर बादल के बहुराष्ट्रीय कंपनी वॉलमार्ट से खास रिश्ते हैं और उन्होंने वॉलमार्ट की मदद की है। स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि बठिंडा से शिरोमणि अकाली दल की सांसद और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में एफडीआई का रास्ता आसान करने में वॉलमार्ट की मदद की है। स्वदेशी जागरण मंच के नेता डॉ. अश्वनी महाजन ने कहा, ‘जब चुनाव नतीजे आए तो हरसिमरत बादल को प्रधानमंत्री की तरफ से नहीं बल्कि वॉलमार्ट के सीईओ की तरफ से बधाई संदेश आए। इससे यह पता चलता है कि बादल और वॉलमार्ट में खास रिश्ते हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया, बादल सरकार ने सबसे पहले देश में पंजाब में वॉलमार्ट का स्टोर खोलने दिया, जब हरसिमरत बादल मोदी सरकार में मंत्री बनीं तो उन्होंने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में एफडीआई की इजाजत देने की जमकर वकालत की और नीतिगत बदलाव कराने में सक्षम हुईं, जिसकी वजह से फूड प्रोडक्ट की मार्केटिंग की भी इजाजत मिल गई। डॉ. महाजन ने कहा कि एसजेएम के विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने इसकी इजाजत दी, जबकि हमसे यह भी कहा गया था कि कोई भी बहुराष्ट्रीय कंपनी फूड प्रोडक्ट की मार्केटिंग में रुचि नहीं रखती। उन्होंने आरोप लगाया, पिछले महीने जब वॉलमार्ट ने रिटेल फूड स्टोर खोलने के लिए लाइसेंस का आवेदन किया तब हम सचेत हुए। साल 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तो बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में यह वादा किया था कि मल्टी ब्रांड रिटेल सेक्टर में एफडीआई की इजाजत नहीं दी जाएगी। लेकिन अब हमें यह डर है कि यदि फूड में यह हुआ तो इससे आगे मल्टी ब्रांड के लिए भी रास्ता खुल जाएगा। यह एक तरह से बहुराष्ट्रीय कंपनियों को मल्टीब्रांड रिटेल सेक्टर में पिछले दरवाजे से एंट्री देने जैसा है और इससे हमारे देश के लाखों छोटे कारोबारी और दुकानदार प्रभावित होंगे। गौरतलब है कि हाल में मीडिया में आई खबरों के मुताबिक वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट के माध्यम से फूड रिटेल स्टोर खोलने के लिए लाइसेंस का आवेदन किया है। कंपनी ने फ्लिपकार्ट में बड़ा हिस्सा खरीदा है। साल 2016 में मोदी सरकार ने ई-कॉमर्स और अन्य माध्यमों से फूड प्रोडक्ट के कारोबार में 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत दी थी। रेवेन्यू के आधार पर दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी वॉलमार्ट ने भारतीय ई-रिटेल दिग्गज फ्लिपकार्ट को पिछले साल 16 बिलियन डॉलर (1,07,200 करोड़) में खरीदा था। वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट की 77 फीसदी हिस्सेदारी ली है। भारत के ई-कॉमर्स के इतिहास में यह अबतक की सबसे बड़ी डील है।]]>
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