
बांग्लादेश (वीकैंड रिपोर्ट) – India-Bangladesh Relations : बांग्लादेश में ओस्मान हादी की मृत्यु की खबर के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। विभिन्न शहरों में इस्लामवादी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, और हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। मयमनसिंह में, एक हिंदू व्यक्ति पर पैगंबर मुहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का झूठा आरोप लगाने के बाद उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है। यह घटना 18 दिसंबर को स्थानीय समयानुसार रात करीब 9 बजे मयमनसिंह के भालुका उपजिला में हुई। मृतक दीपू तरकांडा उपजिला का निवासी था और पायनियर निट कम्पोजिट फैक्ट्री में काम करता था। कथित तौर पर उसी फैक्ट्री में उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, दीपू के शव को बाद में ढाका-मयमनसिंह हाईवे पर ले जाया गया। वहाँ उसके शव को सड़क के किनारे छोड़कर आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना के कारण सड़क लंबे समय तक जाम रही। क्षेत्र में तनाव फैल गया। पुलिस बहुत देर बाद घटनास्थल पर पहुँची। बांग्लादेश में ‘इस्लामवादी भीड़ संस्कृति’ लगातार भयावह होती जा रही है। इसके अलावा, उस देश में हिंदू अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न भी नहीं रुक रहा है। मयमनसिंह की यह घटना इसी का एक उदाहरण है।
India-Bangladesh Relations : वहीं, कट्टरपंथी भारत-विरोधी बांग्लादेशी इस्लामवादी नेता ओस्मान हादी का सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया है। उनकी मृत्यु की खबर के बाद पूरे बांग्लादेश में व्यापक अशांति फैल गई है। इंकलाब प्लेटफॉर्म के समर्थक, इस्लामवादी और शेख हसीना के विरोधी ढाका, राजशाही और अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। राजशाही में अवामी लीग के कार्यालय को तोड़-फोड़कर आग लगा दी गई। एक नाराज इस्लामवादी भीड़ ढाका विश्वविद्यालय और शाहबाग सहित राजधानी के विभिन्न चौराहों पर एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बांग्लादेशी अखबार ‘प्रोथोम आलो’ के कार्यालय पर भी हमला करके उसे आग के हवाले कर दिया गया। “दिल्ली या ढाका” और “भारत के आक्रमण को तोड़ो और कुचलो” जैसे भारत-विरोधी नारे भी सुनाई दे रहे हैं।
दूसरी ओर, ओस्मान हादी की मृत्यु की खबर आते ही इस्लामवादी चटगांव में भारतीय असिस्टेंट हाई कमिश्नर के निवास की ओर मार्च करने लगे। उन्होंने निवास पर हमला करने का भी प्रयास किया। सुरक्षा गार्डों ने इस्लामवादियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने एक के बाद एक बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। इससे चटगांव की सड़कों पर तनाव उत्पन्न हो गया। उस समय पुलिस के खिलाफ “नकली” के नारे लगाए गए। इसी बीच, कट्टरपंथी बांग्लादेशी इस्लामवादी नेता ओस्मान हादी की मृत्यु के बाद, एनसीपी नेता और इस्लामवादी सरजिस आलम ने ढाका में भारतीय उच्चायोग के “बंद” होने की घोषणा कर दी। भारत पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग तब तक बंद रहेगा जब तक भारत हादी के हत्यारों को सौंप नहीं देता।”
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