
नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट)- RBI Policy : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की अपनी पांचवीं मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजे शुक्रवार को घोषित किए। RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने न केवल रेपो रेट में कटौती की घोषणा कर कर्जदारों को राहत दी, बल्कि अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर सकारात्मक तस्वीर भी पेश की। मल्होत्रा ने मौजूदा आर्थिक स्थिति को ‘गोल्डीलॉक्स’ काल बताया। अर्थशास्त्र में इसे उस स्थिति के रूप में जाना जाता है, जब अर्थव्यवस्था न तो बहुत तेजी से बढ़ रही हो और न ही मंदी की चपेट में, बल्कि सब कुछ संतुलित और स्थिर स्थिति में हो।

1. लोन की ईएमआई में कमी
RBI की ब्याज दरों में कटौती का असर ग्राहकों को भी मिलेगा। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ने 50 लाख रुपये का होम लोन 8.5% ब्याज दर पर लिया है, तो 0.25% कटौती से उसकी ईएमआई 43,391 रुपये से घटकर 42,603 रुपये हो जाएगी। इसी तरह, 5 लाख रुपये के कार लोन की ईएमआई 11,282 रुपये से घटकर 11,149 रुपये हो जाएगी।
2. ‘गोल्डीलॉक्स’ मूमेंट
RBI ने वित्त वर्ष की पहली छमाही में 8% जीडीपी ग्रोथ और कम महंगाई दर को आदर्श स्थिति बताया। इसका मतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है और महंगाई नियंत्रण में है, जो भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है।
3. जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ा
RBI ने पूरे FY26 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया। यह सुधार विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में निरंतर तेजी के कारण संभव हुआ है।

4. महंगाई में कमी
RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई का अनुमान 2.6% से घटाकर 2% कर दिया है। इसका मतलब है कि आम जनता की जेब पर महंगाई का दबाव कम होगा।
5. नीति का रुख: न्यूट्रल
MPC ने अपनी मौद्रिक नीति का रुख ‘न्यूट्रल’ रखा। इसका मतलब है कि RBI महंगाई को नियंत्रित करने के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित करेगा।
6. मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में मजबूती
देश के विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में लगातार सुधार जारी है। ये सेक्टर रोजगार और अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं, और इनका अच्छा प्रदर्शन आर्थिक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक संकेत है।
7. तीसरी तिमाही में भी वृद्धि
त्योहारों के बाद भी आर्थिक गतिविधियों में कमी की संभावना नहीं। बिजली की खपत और वाहन बिक्री जैसे संकेतक तीसरी तिमाही में भी आर्थिक मजबूती दर्शा रहे हैं।

8. विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत
भारत का फॉरेक्स रिजर्व 686 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है, जो अगले 11 महीनों के आयात बिल के लिए पर्याप्त है और रुपये को स्थिर रखने में मदद करेगा।
9. बैंक मजबूत, ग्राहक केंद्रित
RBI ने बैंकों को सलाह दी है कि वे केवल मुनाफे पर नहीं, बल्कि ग्राहकों की सुविधा और हितों पर भी ध्यान दें।
10. बाजार में पर्याप्त नकदी
त्योहारी सीजन और बढ़ती क्रेडिट मांग को देखते हुए RBI ने भरोसा दिया है कि बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त नकदी रहेगी, जिससे लोन वितरण और व्यापार संचालन में कोई बाधा नहीं आएगी। कुल मिलाकर, RBI की यह नीति कर्जदारों के लिए राहत भरी है और दुनिया में चल रही आर्थिक उथल-पुथल के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘स्वीट स्पॉट’ पर खड़ा दिखाती है।
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