
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट)- Today is Devuthani Ekadashi : हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं और इसी के साथ शुभ व मांगलिक कार्यक्रम जैसे शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार आदि शुरू हो जाते हैं। आज देवउठनी एकादशी का व्रत है। देवउठनी एकादशी पर कई लोग व्रत रखते हैं। जो लोग व्रत रख रहे हैं, उन्हें ब्रह्मचर्य का कड़ाई से पालन करना चाहिए। देवउठनी एकादशी पर गंदे हाथों से तुलसी के पौधे को ना छुएं। स्नान करने के बाद ही तुलसी के पौधे को स्पर्श करें। माना जाता है कि गंदे हाथों से अगर तुलसी को छुआ जाए तो भगवान विष्णु निराश होते हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, इस वर्ष देवउठनी एकादशी पर कई विशेष योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन धुव्र के साथ-साथ रवि योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, गुरु कर्क राशि में विराजमान होकर हंस राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। शुक्र के कन्या राशि में और राहु के साथ होने से नवपंचम राजयोग बन रहा है, जो आर्थिक उन्नति और प्रतिष्ठा में वृद्धि का संकेत देता है। इसके अलावा मंगल अपनी स्वयं की राशि वृश्चिक में स्थित होकर रूचक राजयोग बना रहे हैं, जिससे साहस और सफलता के योग प्रबल हो रहे हैं। गुरु, शनि और मंगल का त्रिकोण संबंध नवपंचम राजयोग को और बल प्रदान कर रहा है। इस दिन चंद्रमा मीन राशि में शनि के साथ स्थित रहेंगे, जिससे विष योग का निर्माण होगा।
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