
जैसलमेर (वीकैंड रिपोर्ट)- Operation Trishul : आपरेशन त्रिशूल के तहत राजस्थान से लेकर गुजरात तक भारत-पाक बॉर्डर पर 13 दिन तक अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास किया जा रहा है। इसमें तीनों सेनाओं के 30 हजार जवान संयुक्त रूप से शामिल हो रहे हैं। इसमें भारत की तीनों शक्तियां एक साथ अपना पराक्रम दिखाएंगी।
Operation Trishul : अभ्यास के दौरान कौन से अभियान
• क्रीक और रेगिस्तानी क्षेत्रों में आक्रामक अभियानों (Offensive Manoeuvres),
• सौराष्ट्र तट के पास उभयचर अभियानों (Amphibious Operations),
• तथा इंटेलिजेंस, सर्विलांस एवं रिकॉनिसेंस (ISR), इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW) और साइबर क्षमताओं से जुड़े बहु-डोमेन (Multi-Domain) अभियानों का आयोजन किया जाएगा।
Operation Trishul : त्रिशूल केवल अभ्यास नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता (Atmanirbharta) और वास्तविक ऑपरेशन क्षमता (Operational Capability) को एक साथ प्रदर्शित करने वाली सामरिक पहल है। इसी दिशा में भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच एक संयुक्त इंटीग्रेटेड कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर की स्थापना की गई है, जो इस अभ्यास की रीढ़ है।
भारतीय सेना, नौ सेना, वायु सेना 30 अक्टूबर से लेकर 11 अक्तूबर तक राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त युद्धाभ्यास करने जा रही है। यह युद्धाभ्यास समुद्र में भी होगा और रेगिस्तानी इलाकों में भी। भारत की ओर से इस युद्धाभ्यास को देखते हुए एहतियात के तौर पर पहले ही ‘नोटम’ जारी किया गया था, ताकि कोई भी विमान इसकी चपेट में न आ जाए। लेकिन, अब पाकिस्तान ने खुद ही इसका दायरा लगभग पूरे देश तक बढ़ा दिया है।
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