
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट)- Guru Purnima : हर इंसान के जीवन में गुरु का विशेष महत्व है। गुरु ही इंसान को अंधेरे से प्रकाश की ओर लेकर जाता है और अपने शिष्य को अच्छे बुरे का अंतर समझाता है। इसलिए हर शिष्य गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु को नमन अवश्य करता है। इस बार गुरु पूर्णिमा कल यानि 10 जुलाई को है। गुरु पूर्णिमा की तिथि 10 जुलाई को अर्धरात्रि में 1:36 मिनट पर शुरू होगी, जो अगले दिन 11 जुलाई को आधी रात में 2 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि पड़ने के कारण यह पर्व 10 जुलाई को मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार इसी तिथि पर महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था।
महर्षि वेद व्यास को प्रथम गुरु माना गया है और चारों वेदों को रचयिता गुरु वेदव्यास ने ही किया था। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर वेद व्यास समेत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा और सम्मान देने से जीवन में हमेशा गुरु का आशीर्वाद मिलता है और जीवन खुशहाल रहता है। गुरु पूर्णिमा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह जीवन को दिशा देने वाले हर ‘गुरु तत्व’ की आराधना का दिन है। चाहे कोई हमें अक्षरज्ञान सिखाए या फिर जीवन की उलझनों में सही मार्ग दिखाए वह गुरु होता है। इस दिन लोग नदियों में स्नान करते हैं, व्रत रखते हैं, अपने गुरुओं को उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
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