नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): कांग्रेस में शामिल होकर लोकसभा चुनाव लडऩे की कोशिश में लगे पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील को खारिज कर दिया है और अब इस पर 4 अप्रैल को सुनवाई हो सकती है। मालूम हो कि कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने विसनगर दंगा मामले में गुजरात हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। हार्दिक पटेल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सजा निलंबित करने की मांग की थी, ताकि वह चुनाव लड़ सकें। साथ ही उन्होंने यह भी अपील की थी कि उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई हो। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि वो इतने दिनों से कहां थे और फिलहाल इस पर सुनवाई की कोई अर्जेंसी नहीं है। बता दें कि गुजरात की मेहसाना की सत्र अदालत ने हार्दिक पटेल को दंगा मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके चलते वह चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य हो गए थे। इसी को लेकर पटेल ने हाई कोर्ट से मेहसाणा में 2015 के दंगा उपद्रव मामले में मिली उनकी सजा को निलंबित करने की अपील की थी। लेकिन हार्दिक पटेल की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। हार्दिक ने अपनी याचिका में कहा था कि नामांकन का आखिरी दिन गुरुवार है, इसीलिए सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाए। लेकिन अब उनकी याचिका पर ही गुरुवार को सुनवाई होगी और ऐसे में उनके नामांकन को लेकर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। दरअसल, जन प्रतिनिधित्व कानून और सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के तहत दो साल या अधिक वर्षों की जेल की सजा काट रहा व्यक्ति दोष सिद्धि पर रोक लगने तक चुनाव नहीं लड़ सकता। हार्दिक को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। हार्दिक पटेल फिलहाल जमानत पर हैं। यह कांग्रेस के लिए एक झटका होगा क्योंकि हाल ही में वह कांग्रेस में शामिल हुए हैं और जामनगर से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं।]]>
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