नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): कृषि कानूनों (Agricultural laws) को लेकर किसानों का आंदोलन 20वें दिन पहुंच गया है, लेकिन उसका कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच आंदोलन के चलते रेलवे को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। विरोध-प्रदर्शन के दौरान कई ट्रेनों को रोका गया, कई के मार्ग बदले गए और कई को आधे रास्ते से ही वापस कर दिया गया। इससे रेल विभाग को भारी आर्थिक क्षति हुई।
उत्तर रेलवे (Northern Railway) के जनरल डायरेक्टर आशुतोष गंगल ने बताया,”किसान आंदोलन की वजह से हमें लगभग दो हज़ार करोड़ से लेकर 2400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें माल और मुसाफिर ट्रेनें दोनों शामिल हैं।” इस दौरान करीब एक हज़ार ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा है और करीब 200 ट्रेनों को रूट बदलकर चलाना पड़ा।
We have incurred losses of roughly around Rs 2,000-2,400 crores due to the farmer's protest. This includes freight and passenger trains: Ashutosh Gangal, General Manager, Northern Railway pic.twitter.com/PKoM0yx8qc
— ANI (@ANI) December 15, 2020
किसान सितंबर महीने से कृषि बिलों का विरोध कर रहे हैं. हालांकि दिल्ली के बॉर्डर पर आए उन्हें 20 दिन ही हुए हैं. इससे पहले वो पंजाब में रेलवे लाइन पर डटे हुए थे. पंजाब से दिल्ली आने के बाद किसान और सरकार के दरमियान कई दौर की बातचीत हुई लेकिन मीटिंग में कोई भी हल नहीं निकला. हालांकि सरकार ने किसानों को कानून में बदलाव से संबंधित एक प्रस्ताव भी भेजा था, जिसे किसानों ने सिरे से खारिज कर दिया था और अब तक तीनों कानूनों को वापस करने की मांग पर अड़े हुए हैं.
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