नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): नकली चालान के जरिये जीएसटी चोरी की बढ़ती घटनाओं पर लगाम कसने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने सोमवार से अभियान शुरू किया है। इसके तहत धोखाधड़ी जांचने के लिए जीएसटी पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया जाएगा।
जीएसटी परिषद की विधि समिति ने बैठक के बाद पंजीकरण प्रक्रिया और सुदृढ़ बनाने पर सहमति जताई। सूत्रों का कहना है कि फर्जीवाड़ा रोकने के लिए वित्त मंत्रालय कानून में बदलाव भी कर सकता है। नए पंजीकरण के साथ इसके निलंबन के नियमों को भी सख्त बनाया जाएगा।
विभाग ऐसे करदाताओं की पहचान के लिए डाटा विश्लेषण तकनीक का सहारा लेगा और इनका पता लगते ही पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। तकनीक के साथ ही फील्ड अधिकारियों की मदद से फिजिकल और फाइनेंशियल वेरिफिकेशन भी कराने की तैयारी है। ये काम करदाता के जीएसटी पंजीकरण कराने से पहले ही पूरा किया जाएगा।
18 नवंबर को होगी बैठक
परिषद की विधि समिति पंजीकरण और उसके निलंबन पर विस्तृत चर्चा के लिए 18 नवंबर को फिर बैठक करेगा। वित्त मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि फर्जी बिल के जरिये आईटीसी दावे की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। इस पर लगाम कसने के लिए हरसंभव कदम उठाने की तैयारी की जा रही है। इस खेल में कारोबारियों के अलावा निर्यातक भी शामिल हैं।
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