नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): कोरोना बीमारी के संक्रमण के बीच देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल ( Nursing Staff Strike) का आज छठा दिन है, नर्सों के हड़ताल (Strike) पर जाने से अस्पताल में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. देर रात अस्पताल पहुंचे मरीजों का कहना है कि हड़ताल (Strike) के चलते इलाज नहीं हो पा रहा है.
दरअसल नर्सिंग स्टाफ की मांग है की वो छठे केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू करना और अनुबंध पर भर्ती खत्म करना मुख्य रूप से शामिल हो. जिसको लेकर नर्सिंग स्टाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) पर है.
करीब पांच हजार नर्स सोमवार दोपहर से हड़ताल (Strike) पर चली गई हैं, जिससे अस्पताल में मरीजों की देखभाल सेवाएं बाधित हुईं. वहीं, एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक वीडियो संदेश में महामारी के समय में हड़ताल (Strike) को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. नर्सिंग स्टाफ के अचानक अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) पर चले जाने के बाद एम्स के निदेशक ने उनसे आंदोलन वापस लेने और काम पर लौटने की अपील की है.
देर रात के वक्त सड़कों की खाक छान रहे भूपेंद्र का कहना है कि वह अपनी बीवी का इलाज कराने के लिए शाम को उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर से एम्स में इलाज करने के लिए आए थे. लेकिन डॉक्टरों ने हड़ताल (Strike) कहकर इलाज करने से मना कर दिया.
कड़ाके की सर्दी में भूपेंद्र को दर-दर की ठोकरें उठानी पड़ रही हैं. यहीं हाल कुछ सुभाष मित्तल का है जो कि नोएडा से अपनी मां की सर्जरी कराने के लिए आए थे सर्जरी तो हो गई लेकिन, जिस वॉर्ड में उनकी मां का इलाज चल रहा है वहां शाम से उनकी कोई देखभाल करने वाला तक नहीं है. देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में लिवर ,कैंसर, हार्ट की कई बड़ी बीमारियों के मरीजों का इलाज चल रहा है. दूर-दूर से लोग बेहतर इलाज की उम्मीद को लेकर एम्स आते हैं लेकिन नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल (Strike) पर जाने से मरीज और उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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