नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): अच्छे खासे हिस्ट-पुष्ट लोग भी कोरोना से जंग हार जा रहे हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) में पहला एक हैरान करने वाला केस सामने आया है, जिसमें पांच गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने के बावजूद एक बुजुर्ग ने कोरोना को मात दे दी। अब इसे ईश्वर का करिश्मा समझे या मरीज के जब्जे और हिम्मत का बल।
वहीं अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश का कहना है कि एलएनजेपी अस्पताल में पहला ऐसा केस है, जिसमें एक मरीज में एक साथ सभी गंभीर बीमारियों हो। मरीज को कैंसर, मल्टी ऑर्गन फेलियर दो महीने से डायलेसिस हो रहा था। इसके साथ मरीज का हार्ट भी 25 फीसदी ही काम कर रहा था और मरीज को टीवी और निमोनिया की भी बीमारी है। 5 गंभीर बीमारी होने के बाद भी मरीज की हिम्मत और डॉक्टर की अथाह प्रयास के बाद उन्होंने कोरोना को शिकस्त देते गए और स्वस्थ होकर घर लौट गए। कई बीमारियों के साथ कोरोना से जंग जीतना उनकी बड़ी उपलब्धि है। ऐसे में अर्जुन पार्क नजबगढ़ के रहने वाले 64 साल के बुजुर्ग राजदेव दीक्षित ने कोरोना को हरा दिया। बुजुर्ग के डॉक्टर बेटा अमित कुमार दीक्षित का कहना है कि मैं खुद डॉक्टर हूं लेकिन मुझे उम्मीद नहीं थी कि वे कोरोना से ठीक हो जाएंगे।
डॉक्टर और नॄसग स्टाफ को कहना चाहूंगा धन्यवाद: डॉ. अमित ने बताया कि 17 जुलाई को कोविड रिर्पोट पॉजिटिव आई थी और 18 जुलाई को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन चार-पांच दिन तक हालत गंभीर बनी रही। डॉक्टरों ने लगभग माना कर दिया था और कि उनकी बचने की उम्मीद कम ही है क्योंकि उन्हें मल्टीपल मायलोमा कैंसर है। उसने शरीर में कोई एंटीबॉडीज नहीं बन रही थी। कीमोथेरेपी के बाद एंटीबॉडी लगभग कम हो गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें प्लाज्मा थेरेपी दिया लेकिन उसका भी कोई असर नहीं दिख रहा था। डॉक्टर और अस्पताल के स्टाफ के अथाह प्रयास के लगभग दस दिन बाद वे धीरे-धीरे वे ठीक होने लगे। मैं नॄसग स्टाफ तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा।