नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने बुधवार को अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण कार्य के लिए लगभग 20,000 करोड़ रुपये के पहले टेंडर निवेश के लिए बोलियां रखीं। गुजरात में बनने वाले इस 237 किलोमीटर लंबे ट्रैक के लिए बोली लगाने वाली सभी कंपनियां भारतीय रहीं।
एनएचएसआरसीएल ने कहा कि यह गुजरात के वापी और वडोदरा के बीच बुलेट ट्रेन के 47 फीसदी हिस्से को कवर करने वाले सबसे बड़े टेंडरों में से एक है। इस काम में इस कॉरिडोर पर चार स्टेशनों का निर्माण भी शामिल है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, सात प्रमुख बुनियादी ढांचा कंपनियों से जुड़े तीन बोलीदाताओं ने प्रतिस्पर्धी बोली में भाग लिया। इनमें से दो कंसोर्टियम, एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर- इरकॉन इंटरनेशनल-जेएमसी प्रोजेक्ट्स इंडिया और एनसीसी-टाटा प्रोजेक्ट-जे कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट्स हैं और जिस कंपनी ने इसके लिए बोली लगाई है, वह है लार्सन एंड टुब्रो।
अधिकारियों ने कहा कि 237 किमी का गलियारा 24 नदियों और 30 सड़कों को पार करेगा। एनएचएसआरसीएल के प्रवक्ता ने कहा, यह पूरा खंड गुजरात में है, जहां 83 फीसदी से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले तक सरकार देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना को गुजरात के हिस्से में शुरू कर सकती है। बता दें कि इस परियोजना के लिए महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी हुई है।
बुधवार को, रेल मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया कि मार्च 2020 से पहले भूमि अधिग्रहण में देरी, विशेष रूप से महाराष्ट्र में हुई क्योंकि कुछ स्थानों पर स्थानीय निवासियों ने अधिग्रहण का विरोध किया।
इस परियोजना का कुल हिस्सा 508 किमी का है, जिसमें से 349 किमी अकेले गुजरात में आता है। वहीं, महाराष्ट्र में बचा हुआ 159 किमी का हिस्सा है, लेकिन यहां केवल 23 फीसदी जमीन का ही अधिग्रहण हो पाया है।
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