जालंधर (वीकेंड रिपोर्ट) : देश में कोरोना वायरस का संक्रमण और मौतों का सिलसिला जारी है। देश में दवाइयां, इंजेक्शन, ऑक्सीजन, ऑक्सीमीटर और वेंटिलेटर की कमी है। इस बीच लोगों की जरूरत का फायदा उठाने के लिए ठगी करने वाले तेज हो गए हैं। कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू होने के साथ ही फर्जी टीकाकरण एसएमएस भेजकर यूजर्स के एंड्रॉयड फोन में सेंध लगाई जा रही है और यूजर्स के डेटा तक पहुंच बनाई जा रही है। संघीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि टीका तो जरूर लगवाएं लेकिन इसके लिए पंजीकरण सरकारी पोर्टल कोविन पर ही कराएं। टीकाकरण के लिए अंजान जगह से आए संदेशों पर दिए लिंक का इस्तेमाल न करें।
एजेंसी ने कहा कि फर्जी पंजीकरण के नाम पर 5 तरह के नुकसानदेह एसएमएस आ रहे हैं। इनसे बचाना चाहिए। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम आम लोगों को जारी एडवाइजरी में कहा कि फर्जी एसएमएस संदेश भेजकर गलत तरीके से दावा किया जा रहा है कि उनके द्वारा प्रस्तुत ऐप से भारत में कोविड-19 टीके के लिए पंजीकरण कराया जा सकता है। एसएमएस के साथ एक लिंक आता है जिस पर क्लिक करने से एंड्रॉयड फोन में अविश्वसनीय एप इंस्टॉल हो जाता है। यूजर्स को सावधान रहना चाहिए ताकि फर्जी नाम, ई-मेल या मेसेज से आपके डाटा पर हैकर का कब्जा न हो सके।
सीईआरटी संघीय तकनीकी इकाई है जो साइबर हमलों से मुकाबला करने के साथ-साथ भारतीय साइबर मंच की रक्षा जासूसी, हैकिंग और अन्य इसी तरह के ऑनलाइन हमलों की पड़ताल करती है। सीईआरटी ने यह भी सलाह दी है कि यूजर्स अपने फोन की सेटिंग में जाकर किसी अज्ञात स्रोत से इंस्टॉल होने वाले एप को डिसएबल की सुविधा इस्तेमाल करें। इसके अलावा भरोसेमंद एंटी वायरस और इंटरनेट फायरवाल जैसे तरीकों का इस्तेमाल करें।
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