पश्चिम बंगाल (वीकैंड रिपोर्ट) Cyclone Ramel wreaked havoc : की खाड़ी से शुरू हो चूका तूफ़ान रेमल समुंदरी तटों वाले इलाको में पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि यहां बहुत तेज रफ़्तार से हवाएं चल रही है। बिहार में भी इसका असर देखने को मिलने वाला है। समुन्दर में ऊँची लहरें उठने के कारण पश्चिम बंगाल और बांग्ला देश के निचले हिस्से के इलाके डूब सकते है। मौसम विभाग ने 26 -27 मई को पछिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। भारत के कुछ हिस्सों में 27 -28 मई को भारी वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग ने मछुआरों को भी चेतावनी दी है कि 27 मई की सुबह वह बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग में न जाएं। उतर पछिम भारत, मध्य प्रदेश जैसे इलाको में पहले से हीट वेव चल रही है।
मौसम विभाग के अनुसार सोमवार 27 मई को रेमल तूफ़ान से सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर, बांका, जुमई आदि इलाके प्रभावित होने वाले है। इन इलाको में तेज बारिश होने की भी संभावना बताई जा रही है। इसके साथ तेज हवाएं और बिजली गरजने की भी संभावना जताई जा रही है। हवाओं की गति 30 से 40 किलो मीटर प्रति घंटा रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। अभी तक रेमल तूफ़ान से प्रभावित इलाको को भारी नुकसान हुआ है। इस तूफान के कारण झोपड़ियों की छत्ते उड़ गयी है ,पेड़ उखड गए है और बिजली के खम्बे भी टूट गए है।
जिसके कारण कोलकाता के साथ अन्य कई राज्यों में बिजली की किल्लत हो रही है। बिजली ना होने के कारण लोगों के काम-काज पर भी बुरा असर पड़ रहा है। वैगानिको का कहना है के समुंद्र की सतह का तापमान ज्यादा होने के कारण चक्रवर्ती तूफ़ान तेज गति से बढ़ रहा है। रेमल इस बार के मानसून से पहले बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है।
Photo Credit : Moneycontrol
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