
Beeja Mandal temple Case : हर रोज होगी पूजा, मंदिर पर जड़ा ताला खुलवा कर रहेंगें – शुभम वर्मा
विदिशा, मध्य प्रदेश (प्रदीप वर्मा) : मध्य प्रदेश के विदिशा में छठवीं सदी का सुर्य मंदिर भले ही अब खंडहर बन चुका है पर अपने ईष्ठ के लिए भक्तों की आस्था अब भी बरकरार है। भले हुी ओरंगजेब को मरे कई सदीयां बीत गई हों, पर ऐसा लगता है कि सरकार का पुरातत्व विभाग (आर्कलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) अभी भी वही मुगलीया फरमान का हुक्म बजाते हुए इस पर ताले मार के बैठा है। जिसका विरोध कई वर्षों से चल रहा है।
हालांकि मुगलों के बाद आए अंग्रेजों से भी देश आजाद हो चुका है पर विदिशा का ये सुर्य मंदिर आज भी अपनी अजादी की बाट जोह रहा है। जिसे आजाद करवाने के लिए अब भक्तों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। जोकि कोर्ट द्वारा स्वीकार कर ली गई है। कार्ट ने इसपर सुनवाई के आदेश जारी करते हुए एएसआई (आर्कलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) व प्रदेश सरकार से जवाब मांगा गया है।
Beeja Mandal temple Case : जाने क्या है पूरा मामला

Beeja Mandal temple Case मामले में जानकारी देते हूए मुख्य याचिकाकर्ता शुभम वर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश के विदिशा में छठवीं सदी में चालुक्य राजवंश के राजा कृष्ण के प्रधानमंत्री वाचस्पति ने विदिशा में सबसे पहले भिल्लस्वामीन अर्थात सुर्य मंदिर की स्थापना की थी। इसी कारण प्रचीन काल में विदिशा का पहला भेलसा पड़ा था। इसके बाद 10वीं व 11वीं श्ताब्दी में परमार शासकों ने इसका पुनः निर्माण करवाया। इस मंदिर में भगवान गणेश, शिव व विष्णु सहित कई देवी देवताओ की मूर्तीयों की स्थापना की गई थी। जिनके अवशेष अभी भी मंदिर में मौजूद हैं।
इस मंदिर पर कई मुसलिम आक्रमणकारीयों ने हमले किए। 1233-34 मे इल्तुतमिश ने इस मंदिर पर हमला कर इसको तोड़ा व इसकी संपत्ती को लूटा। जिसके बाद 1250 में मंदिर का पुनर्निर्माण जनता द्वारा किया गया। 1290 मे अलाउद्दीन खिलजी व उसके मंत्री मलिक काफुर ने इसे पूरी तरह नष्ट कर दिया। इसबारे में प्रसिद्ध इतिहासकार निरंजण वर्मा दशार्ण दर्शन में लिखते हैं कि खिलजी यहां से आठ फिट ऊंची अष्ट धातु की प्रतिमा भी अपने साथ ले गया था व उसे खंडित कर दिल्ली के किले की बदयुं दरवाजे की मस्जिद की सीड़ीयों में जड़ दिया था।
Beeja Mandal temple Case : शुभम वर्मा ने बताया की 1650 में औरंगजेब ने विजय मंदिर को तोड़ दिया था। तब से लेकर अब तक हिंदूओं द्वारा इस मंदिर के लिए कई लड़ाईयां लड़ी गई। मुगलों व अंग्रेजों के बाद कई सरकारों के खिलाफ भी कई प्रदर्शन हुए। पर अब यह मामला हाईकोर्ट में पहुचा है जहां पर न्याय की उम्मीद जागी है।
Beeja Mandal temple Case : मंदिर के पक्के सबूत अब कोर्ट में
शुभम वर्मा ने बताया कि उन्होने अयोध्या के श्री राम मंदिर का केस लड़ने वाले सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन को इस बारे में पूरी जानकारी दी वह खुद इस केस में प्रथम पटिशनर बनने के लिए तैयार हुए हैं। उनके बेटे विष्णु शंकर जैन यह केस लड़ेंगे। इस बारे में 118 पृष्टों की याचिका ग्वालियर हाईकोर्ट में दायर की गई है जिसो कोर्ट ने स्विकार कर लिया है और इस पर अब 28 अक्तुबरको इस केस में सुनवाई होगी। इस से पूर्व कोर्ट द्वारा एएसआई (Archaeological Survey of India) व राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
-----------------------------------------------------------------
देश-दुनिया की ताजा खबरों के लिए >>>Join WhatsApp Group Join<<< करें। आप हमें >>>Facebook<<< फॉलो कर सकते हैं। लेटेस्ट खबरें देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को भी सबस्क्राइब करें।
-----------------------------------------------------------------











