जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : Sugarcane farmers protest update गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने और बकाया राशि जारी करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे गन्ना किसानों की आज यहां जिला कृषि अधिकारियों के साथ सर्किट हाऊस में हुई बैठक बेनतीजा ही रही। अधिकारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। किसान अब मंगलवार को दोपहर 3 बजे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ चंडीगढ़ में बैठक करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रधान हरविंदर सिंह लक्खोवाल ने बताया कि किसान गन्ने के दाम 470 रुपये प्रति क्विंटल करवाना चाहते हैं जबकि सरकार 350 रुपये प्रति क्विंटल देने को तैयार है। उन्होंने बताया कि जालंधर के नजदीक धन्नोवाली के रेलवे ट्रैक और मुख्य मार्ग पर धरना जारी रहेगा। मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक के पश्चात ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।
फिलहाल मंगलवार दोपहर 3:00 बजे तक जारी रहेगा धरना
किसानों ने पंजाब बंद के आह्वान को मंगलवार को दोपहर 3 बजे तक स्थगित कर दिया है। अमृतसर-नई दिल्ली नेशनल हाईवे और रेल ट्रैक पर जालंधर के गांव धन्नोवाली में साेमवार को चौथे दिन भी धरना जारी रहा। इस कारण आज अब तक 48 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है और 12 ट्रेनों के रूट बदल दिए गए हैं। जबकि 23 ट्रेन शार्ट टर्मिनेट की गई हैं। इस से पूर्व रविवार को भी 51 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था और सड़क यातायात को बहाल रखने के लिए रूट डायवर्ट किए गए थे। फिर भी सड़कों पर भारी वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
कई ट्रेनें हुई रद्द
रद्द की गईं ट्रेनों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली करीब 35 ट्रेनें भी शामिल हैं। कल भी राजधानी, जम्मू मेल, श्रीशक्ति, सराय-रोहिला-ऊधमपुर एक्सप्रेस, फेस्टिवल स्पेशल, नई दिल्ली-अमृतसर शताब्दी, हावड़ा-अमृतसर और अमृतसर-देहरादून ट्रेनों को भी रद्द करना पड़ा था। इससे पहले शुक्रवार और शनिवार को करीब 135 ट्रेन प्रभावित हुई थीं और 89 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था। गन्ना किसानों के आंदोलन के कारण रेलवे ने करीब 12 ट्रेनों के रूट में बदलाव किया है। इससे रेल यात्री भटकने को मजबूर हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत लंबी दूरी की यात्रा पर जाने वाले लोगों को हो रही है।
कल मुख्यमंत्री कैप्टन से होगी बैठक
Sugarcane farmers protest update : दूसरी ओर किसान संगठनों और पंजाब सरकार के बीच मंगलवार को फिर वार्ता होगी। रविवार को गन्ने के बकाये और नए मूल्य को लेकर पहले दौर की वार्ता विफल रही थी। हालांकि रविवार को सहकारिता मंत्री से हुई वार्ता में गन्ने के बकाये को लेकर तो स्थिति स्पष्ट हो गई थी लेकिन मूल्य में वृद्धि को लेकर मामला फंस गया था। इसके बाद किसान नेताओं ने एलान कर दिया कि मांगें माने जाने तक हाई-वे और रेल ट्रैक पर धरना जारी रहेगा।
दोनों पक्षों में आज फिर से जालंधर के सर्किट हाऊस में फिर बातचीत जारी है। इसमें गन्ना आयुक्त गुरविंदर सिंह, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ और अन्य अधिकारी भी शामिल रहे।
रविवार की बैठक में हल हुआ था आधा मसला
रविवार को पंजाब भवन चंडीगढ़ में सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने किसान नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल, हरविंदर सिंह लक्खोवाल आदि के साथ करीब दो घंटे तक बातचीत में किसानों ने 200 करोड़ रुपये बकाया जारी करने की मांग की। मंत्री ने कहा कि निजी शुगर मिलें 15 दिन में और सरकारी मिलें अपने 54.77 करोड़ रुपये का बकाया सितंबर के पहले सप्ताह में जारी कर देंगी।
लागत से अधिक भाव मिलना चाहिए
किसानों ने कहा कि गन्ने के मूल्य में 15 रुपये बढ़ोतरी के बाद यह 325 रुपये क्विंटल हो जाएगा लेकिन एक क्विंटल गन्ने की लागत ही 388 रुपये पड़ती है। लागत मूल्य को लेकर किसानों और सरकार के बीच बहस भी हुई लेकिन किसान मूल्य बढ़ोतरी पर अड़े रहे। मंत्री रंधावा ने किसान नेता जगजीत सिंह ढल्लेवाल की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बात भी करवाई, लेकिन हल नहीं निकला। रविवार को बारिश के कारण किसानों के टेंट में पानी भर जाने के बावजूद उन्होंने टेंट नहीं हटाया। धरने के कारण अमृतसर-जालंधर मार्ग पर 400 से ज्यादा ट्रक फंसे हुए हैं और जिनकी संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।
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पंजाब सरकार किसानों के सम्पूर्ण विकास के लिए वचनबद्ध,किसानों के साथ कल मीटिंग करेंगे मुख्य मंत्री: कृषि कमिश्नर
पंजाब सरकार राज्य ने गन्ना काश्तकारों के सम्पूर्ण विकास के साथ-साथ उन की समस्याएँ को पहल के आधार पर हल करने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह मंगलवार को दोपहर 3 बजे चण्डीगढ़ में गन्ना काश्तकारों के साथ मीटिंग करेंगे।
गन्ना काश्तकारों के साथ हुई मीटिंग के बाद यहाँ जानकारी देते पंजाब के कृषि कमिश्नर डा. बलविन्दर सिंह सिद्ध ने बताया कि ज़िला प्रशास्निक कंपलैक्स में किसानों के साथ विस्तार के साथ विचार विमर्श किया गया, जहाँ उनकी समुची जायज माँगों को ध्यान से सुना गया। उन्होेंने यह भी बताया कि बहुत से मुद्दों पर सरकार और किसानों दरमियान सहमति बन गई है जबकि कुछ मुद्दों पर अभी भी मतभेद हैं, जिन के मुख्यमंत्री के साथ कल होने वाली मीटिंग में हल होने की उम्मीद है। उन्होंने आज की मीटिंग को किसानों के चल रहे आंदोलन को ख़त्म करने की दिशा में एक उचित कदम बताया।
इस अवसर पर अन्यों के इलावा डायरैक्टर कृषि और किसान विकास पंजाब डा. सुखदेव सिंह सिद्ध, गन्ना कमिश्नर पंजाब डा. गुरविन्दर सिंह भी मौजूद थे।
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