
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): लोक सभा चुनाव के दौरान जो राजनीतिक बिसात इन दिनों बिछी हुई है और नेताओं का विभिन्न पार्टीयों में शामिल होने का खेल देखने को मिल रहा है। नगर निगम जालंधर के कर्मचारी संगठन के नेता के रूप में मशहूर और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के रुप में करतारपुर से चुनाव लड़ चुके दलित नेता चंदन गरेवाल ने तमाम राजनीतिक अटकलों पर विराम लगाते हुए शिरोमणी अकाली दल (ब) का दामन थाम लिया है। हालांकि चंदन गरेवाल की कांग्रेस में शामिल होने की बात काफी समय से चर्चा का विषय बनी हुई थी। उनका चुनावी बिसात के बिछ जाने के बाद उनका अकाली दल में शामिल होना कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी संतोख सिंह के लिए नुक्सान दायक साबित हो सकता है। क्योंकि अपने एक इंटरव्यू में चंदन गरेवाल ने चौधरी संतोख पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि चौधरी ने ना तो इलाके का विकास करवाया और ना ही दलित समाज की कोई सुध ली है। इसलिए चौधरी संतोख सिंह को इस बार जालंधर की जनता संसद तक नहीं पंहुचने देगी। चंदन गरेवाल को अकाली दल पंजाब का उपप्रधान भी बनाया गया है। फिलहाल चंदन गरेवाल के अकाली दल में शामिल होने से जालंधर का सियासी माहौल का गर्मा गया है और चौधरी संतोख सिंह के लिए अब संसद की राह आसन मालूम नहीं होती। मतदान में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं अब देखना यह है कि सियासत का ऊंट किस कारवट बैठता है।]]>
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