जालंधर (प्रदीप वर्मा): African Swine Flu : पंजाब में सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से हड़कंप मच गया है। एहतियातन पंजाब सरकार ने इस बीमारी को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है। अब इस बीमारी से प्रभावित सुअरों को मारने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि सरकार ने इसके लिए सुअर पालकों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की है। अब सवाल यह पैदा होता है कि यह कैसे पता चलेगा कि कौन सा सुअर संक्रमित है कौन सा नहीं। इस बीमारी की मृत्यु दर 100 प्रतिशत तक हो सकती है और एक बार सुअर के प्रभावित होने पर कुछ ही दिनों में उसकी मृत्यु हो जाती है। अगर सूअरों में तेज बुखार, कानों या पेट में खून के धब्बे व अचानक बड़ी संख्या में मौत हो तो इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को सूचित करना होगा। वैसे जालंधर की भूर मंडी में सूअरों का मास सबसे अधिक बेचा जाता है और वहां पर इस रोग को फैलने से रोकना अहम है।
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जो भी लापरवाही करता है उसकी लापरवाही का खामियाजा सारे शहर को भुगतना पड़ सकता है। हरियाणा के रोहतक जिले में 120 से अधिक सूअरों की मौत हो चुकी है। इसकी वजह इनका अफ्रीकन स्वाइन फ्लू ग्रस्त होना है। इसके बावजूद पशुपालन विभाग की ओर से इसके मीट की बिक्री पर रोक नहीं लगाई गई है। जबकि हेल्थ एक्सपर्ट इस समय इसके मीट को न खाने की सलाह दे रहे हैं। सूअर पालकों को डर है कि उनके सूअर एक-एक करके मर रहे हैं। यदि यह बीमारी नहीं रुकी तो वह आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाएंगे। रोहतक जिले में 250 के करीब मीट की दुकानें हैं। रोजाना सूअरों की मौत के बाद भी प्रशासन बेफिक्र है। जबकि अफ्रीकन स्वाइन फ्लू सूअरों के साथ इनके पालकों को भी प्रभावित कर सकता है।
पूरे प्रदेश में हड़कंप मचने के बाद भी बाजार में सूअर का मांस आसानी से उपलब्ध है। जिला प्रशासन की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। अब अगर रोहतक जैसे हालात जालंधर में पैदा हुए तो कौन जिम्मेवार होगा ? जालंधर में हो रही सूअर के मांस की खुलेआम बिक्री करने वालों को जागरूक करने की आवश्यकता है। सुअर पालन के लिए मुआवजा देंगे: लालजीत सिंह भुल्लर पंजाब के पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा है कि राज्य के सुअर पालकों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि पंजाब सरकार सुअर पालन के लिए मुआवजा देगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस कठिन समय में सुअर पालकों के साथ खड़ी है।
African Swine Flu : उन्होंने कहा कि पटियाला जिले में दो जगहों पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है और भारत सरकार के दिशा-निदेर्शों के अनुसार इस बीमारी के केंद्र से एक किलोमीटर के दायरे में सुअरों का वध करना जरूरी है, नहीं तो इस बीमारी का एक भयानक रूप सामने आ सकता है। क्या है अफ्रीकन स्वाइन फ्लू :- अफ्रीकन स्वाइन फ्लू एक अत्यधिक संक्रामक और खतरनाक पशु रोग है, जो घरेलू और जंगली सूअरों को संक्रमित करता है। इसके संक्रमण से सूअर एक प्रकार के तीव्र रक्तस्रावी बुखार से पीड़ित होते हैं। बता दें कि इस बीमारी को पहली बार 1920 के दशक में अफ्रीका में देखा गया था। इस रोग में मृत्यु दर 100 प्रतिशत के करीब होती है और इस बुखार का अभी तक कोई इलाज नहीं है। इसके संक्रमण को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका जानवरों को मारना है, वहीं जो लोग इस बीमारी से ग्रसित सूअरों के मांस का सेवन करते हैं उनमें तेज बुखार, अवसाद सहित कई गंभीर समस्याएं शुरू हो जाती हैं।