रूस (वीकैंड रिपोर्ट) : Russia Ukraine Crisis : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद रूसी सेना ने यूक्रेन के अंदर हमले शुरू कर दिए हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में जोरदार धमाके की आवाजें सुनी गई हैं। रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन के दोनबास इलाके में रूसी सेना को घुसने का आदेश दिया है। रूसी राष्ट्रपति ने धमकी दी है कि दुनिया के किसी देश ने इसमें हस्तक्षेप की कोशिश की तो परिणाम भयानक होंगे। यूक्रेन के पूर्वी इलाके में स्थित डोनेट्स्क और लुहान्स्क सम्मिलित रूप से डोनबास क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। दोनबास इलाके में रूस के समर्थन वाले अलगाववादियों का कब्जा है। यूक्रेन के ये इलाके 2014 से ही यूक्रेनी सरकार के नियंत्रण से बाहर हैं और खुद को स्वतंत्र पीपुल्स रिपब्लिक घोषित किया हुआ है। इन इलाकों को रूस और बेलारूस ने ही मान्यता दी है।
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यूक्रेन की सरकार का आरोप है कि डोनबास क्षेत्र में जारी संघर्ष में अबतक 15000 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि रूस खुद को इस संघर्ष का एक पक्ष बताए जाने से इनकार करता रहा है। रूस की सरकार दोनबास इलाके के लोगों की कई तरह से मदद करती है। इसमें गुप्त सैन्य सहायता, वित्तीय मदद, कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति और इस इलाके के 800000 लोगों को रूसी पासपोर्ट तक जारी किया गया है। इसके बावजूद रूस इन लोगों की सहायता से हमेशा से इनकार करता रहा है। डोनबास क्षेत्र में रूसी भाषी नागरिकों की संख्या ज्यादा है। ये लोग खुद को रूस के ज्यादा नजदीक मानते हैं, वहीं यूक्रेनी सरकार इन्हें अलगाववादियों के रूप में देखती है।
Russia Ukraine Crisis : रूस की सरकार का आरोप है कि यूक्रेनी सरकार इन इलाकों में बड़े पैमाने पर हिंसा कर रही है। खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनबास क्षेत्र में यूक्रेनी सेना की कार्रवाईयों को नरसंहार बता चुके हैं। पुतिन सरकार का आरोप है कि यूक्रेन में पश्चिम समर्थित तख्तापलट के कारण सत्ता में आई सरकार 2014 से स्व-घोषित डोनेट्स्क और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक के खिलाफ युद्ध छेड़ रही है। डोनबास क्षेत्र में यूक्रेन के खिलाफ कई हिंसक प्रदर्शन भी हो चुके हैं। इन्हीं प्रदर्शनों को कुचलने के लिए यूक्रेन ने कई बार बल प्रयोग भी किया है। रूस का आरोप है कि यूक्रेन डोनबास में रूसी भाषी लोगों पर अत्याचार कर रहा है, इस कारण वहां के लोग विद्रोह कर रहे हैं।
कभी एक-दूसरे का हिस्सा थे यूक्रेन और रूस
यूक्रेन 1990 के पहले तक सोवियत संघ का हिस्सा था। आज से 30 साल पहले सोवियत संघ के विघटन के समय यह वर्तमान रूस से अलग हुआ था। यूक्रेन के हिस्से में सोवियत संघ के जमाने के कई महत्वपूर्ण स्थल, बंदरगाह और सैन्य निर्माण ईकाईयां आईं थीं। हालांकि, आजादी के बाद यूक्रेन परंपरागत तौर पर रूस का हमदम बना रहा। साल 2014 तक विक्टर यानुकोविच के राष्ट्रपति पद से अपदस्थ होने तक दोनों देशों के रिश्ते काफी मजबूत थे। लेकिन, उनके हटते ही यूक्रेन में रूस विरोधी सरकार आ गई। इस कारण यूक्रेन के रूसी भाषी क्षेत्रों में अस्थिरता पैदा होने लगी।