नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) Indian Sun Satellite : नए साल पर ISRO ने इतिहास रच दिया हैं। भारत द्वारा भेजा गया Aditya सैटेलाइट L1 प्वाइंट के हैलो ऑर्बिट में इंसर्ट कर दिया गया है। इसके बाद भारत के पहले सोलर ऑब्जरवेटरी की धरती से दूरी 15 लाख km हो गई है। आज से 35 दिन पहले 2 सितंबर 2023 को शुरू हुई आदित्य की यात्रा अब खत्म हो चुकी है। ईसरो का 400 करोड़ रुपए का ये मिशन अब भारत समेत पूरी दुनिया के सैटेलाइट्स को सौर तूफानों से बचाएगा।
ईसरो द्वारा भेजा गए आदित्य अब सूरज की स्टडी कर रहे NASA के चार अन्य सैटेलाइट्स के समूह में शामिल गया है। इस से पहले भारत के चार सैटेलाइट्स – WIND, Advanced Composition Explorer (ACE), Deep Space Climate Observatory (DSCOVER) और नासा-ESA का ज्वाइंट मिशन सोहो यानी सोलर एंड हेलियोस्फेयरिक ऑब्जरवेटरी है।
Indian Sun Satellite Aditya
आदित्य की यात्रा लगभग पांच माह पहले 2 सितंबर 2023 को को शुरू हुई थी। शनिवार 6 जनवरी 2024 की शाम ये सैटेलाइट L1 प्वाइंट पर पहुंच गया है और इस प्वाइंट के चारों तरफ मौजूद सोलर हैलो ऑर्बिट (Solar Halo Orbit) में स्थापित हो चुका है। हैलो ऑर्बिट में डालने के लिए Aditya-L1 सैटेलाइट के थ्रस्टर्स को थोड़ी देर के लिए ऑन किया गया है। इसमें कुल मिलाकर 12 थ्रस्टर्स हैं।
ISRO के अधिकारियों ने बताया कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या ‘कोरोनल मास इजेक्शन’ (सीएमई), सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं तथा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है।
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