गाजियाबाद (वीकैंड रिपोर्ट): टैक्स चोरी को पकडऩे के लिए गाजियाबाद में पहली बार आयकर विभाग की टीम ने सैटलाइट इमेज का इस्तेमाल किया है। इस इमेज की मदद से 15 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। विभाग अब टैक्स चोरी करने वाले व्यक्ति को नोटिस भेजने की कार्रवाई कर रहा है। प्रधान आयकर आयुक्त (जांच) अमेंद्र कुमार ने बताया कि टैक्स चोरी के मामलों का खुलासा करने के लिए विभाग अब तकनीकी मदद ले रहा है। उन्होंने बताया कि संभवत: यह देश का पहला मामला है कि जिसमें टैक्स चोरी को पकडऩे के लिए सैटलाइट इमेज का इस्तेमाल किया गया है। कुमार ने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के मामले सामने आने पर इस तकनीक का प्रयोग किया जाएगा, जिससे टैक्स चोरी करने वालों को पकड़ा जा सके। अमेंद्र कुमार ने बताया कि मोदीनगर के एक व्यक्ति ने टैक्स से बचने के लिए फरवरी 2016 में कमर्शियल कॉम्प्लेक्स की कृषि भूमि के आधार पर टुकड़ों में रजिस्ट्री कर दी थी। इस मामले की सूचना आयकर विभाग को मिली। नोटिस जारी किया गया तो जबाव में बताया गया कि जब जमीन की रजिस्ट्री की गई थी तो वह कृषि भूमि थी। आयकर विभाग को इस जवाब पर विश्वास नहीं था। ऐसे में विभाग ने जमीन की उस समय की वास्तविक स्थिति जानने के लिए नैशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी हैदराबाद को उस भूखंड के पुरानी इमेज भेजने को कहा। वहां से इमेज मिलने के बाद टीम ने स्टेट की रिमोट सेंसिंग एजेंसी के माध्यम से जमीन की डिटेलिंग करवाई जिसके बाद पता चला कि जब भूखंड की रजिस्ट्री हुई थी, उस समय जमीन पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बन चुका था। इस इमेज को बतौर सबूत रखते हुए टैक्स चोरी करने वाले व्यक्ति को नोटिस जारी किया गया है। संबंधित व्यक्ति को अब करीब 15 करोड़ रुपये बतौर टैक्स जमा कराने होंगे, क्योंकि ऐसे मामले में करीब 100 फीसदी टैक्स लगता है।]]>
-----------------------------------------------------------------
देश-दुनिया की ताजा खबरों के लिए >>>Join WhatsApp Group Join<<< करें। आप हमें >>>Facebook<<< फॉलो कर सकते हैं। लेटेस्ट खबरें देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को भी सबस्क्राइब करें।
-----------------------------------------------------------------