
अमृतसर (वीकैंड रिपोर्ट): श्री अकाल तख्त साहिब में अब गैर सिख भी अरदास कर सकेंगे। एसजीपीसी ने श्री अकाल तख्त साहिब परिसर के बाहर एक बोर्ड लगा कर इसकी जानकारी दी है। साथ ही स्पष्ट किया है कि पतित (दाढ़ी रंगने व केशों की बेअदबी करने वाले) और श्री अकाल तख्त से घोषित तनखइयों की अरदास नहीं होगी। इसके अतिरिक्त कोई भी शख्स चाहे वह गैर सिख ही क्यों न हो, अरदास करवा सकेगा। बोर्ड में श्री अकाल तख्त की ओर से लागू की गई सिख रहित मयादज़ के पेज नंबर 15 का हवाला भी दिया गया है। अकाल तख्त के इतिहास में यह पहली बार है की इस प्रकार बोर्ड लगा कर गैर सिखों को अरदास करवाने की जानकारी दी गई है। इससे पहले यह धारणा बनी हुई थी कि सिखों की सर्वोच्च अदालत में केवल सिख ही अरदास करवा सकते हैं। उक्त बोर्ड के साथ-साथ श्रद्धालुओं को श्री अकाल तख्त साहिब में सुशोभित गुरु साहिबान के शस्त्रों के दर्शन करने के बारे में जानकारी दी गई है। एक अन्य बोर्ड में श्री अकाल तख्त साहिब में अमृत संचार की जानकारी दी गई है। श्री दरबार साहिब के मैनेजर जसविंदर सिंह दीनपुर का कहना है कि इस प्रकार के बोर्ड पहले यहां स्थापित थे, लेकिन वे खराब हो गए होंगे। इसलिए उन्हें उतार दिया गया होगा। 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद न तो श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार और न ही एसजीपीसी ने इस प्रकार के बोर्ड स्थापित नहीं किए। श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के अनुसार, गैर सिख को अकाल तख्त साहिब में अरदास की अनुमति दी है। अकाल तख्त साहिब में पतित व तनखइये की अरदास व कड़ाह प्रसाद की देग स्वीकार नहीं की जा सकती। लेकिन गैर सिख श्री अकाल तख्त साहिब के नीचे खड़े हो कर अरदास करते रहे हैं। पतित सिख को श्री दरबार साहिब व अकाल तख्त साहिब में सिरोपा देने की भी मनाही है, लेकिन कई बार एसजीपीसी ने इस नियम का उल्लंघन किया है।]]>
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