
धुलिया (वीकैंड रिपोर्ट): महाराष्ट्र में एक 15 साल की दुष्कर्म पीडि़ता और उसके परिवार को धुलिया जिले के एक गांव की पंचायत ने अजब फरमान सुनाया है। बच्ची के परिवार ने उसका गर्भपात कराने से मना किया तो उन्हें कथित तौर पर अपना घर छोडऩे के लिए मजबूर किया गया। परिवार का आरोप है कि पंचायत नाबालिग को गर्भपात कराने के लिए मजबूर कर रही है क्योंकि पंचायत सदस्य के एक रिश्तेदार ने उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया है। हालांकि पीडि़ता के परिवार ने गर्भपात नहीं कराया और 30 मई को उसने एक बच्चे को जन्म दिया। पीडि़ता के माता-पिता का कहना है कि वह घटना के समय गुजरात गए हुए थे। जब वह गांव वापस लौटे तो उन्हें पता चला कि उनकी बेटी आठ महीने की गर्भवती है। पीडि़ता के पिता ने कहा कि दुष्कर्म का पता चलने पर उन्होंने न्याय के लिए पंचायत से गुहार लगाई। पिता ने बताया कि पंचायत ने पीडि़ता की मदद करने के बजाए गर्भपात कराने के लिए उसका उत्पीडऩ शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि शुरुआत में पुलिस अनिच्छुक थी। आखिरकार 19 को उन्होंने मामला दर्ज तब किया जब सामाजिक कार्यकर्ता नवल ठाकरे ने हस्तक्षेप किया। मामला दर्ज होने के बाद पंचायत कथित तौर पर परिवार पर केस वापस लेने और गर्भपात करवाने के लिए दबाव बनाने लगी। जिससे परिवार ने मना कर दिया क्योंकि इससे 15 साल की मासूम की जिंदगी खतरे में पड़ सकती थी। पीडि़ता के पिता ने कहा कि मामला दर्ज होने के बाद पंचायत ने उनपर 11,000 रुपये का जुमार्ना लगाया। उन्हें मोबाइल पर धमकी मिल रही है। उन्हें सार्वजनिक नल से पानी और मिल से आटा तक नहीं लेने दिया जा रहा है।]]>
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