
संपूर्ण फलदाई अलौकिक मासिक हवन यज्ञ का आयोजन 30 नवंबर 2025 रविवार को
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) Maa Baglamukhi Dham Havan :- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया। सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान दिशांत शर्मा,बलविंदर कुमार एवं नम्रता से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई। सिद्ध मां बगलामुखी धाम के संस्थापक नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों को संत कबीरदास जी के प्रसिद्ध दोहों से निहाल करते हुए कहते है कि
भला हुआ मेरी गगरी फूटी रे, मैं तो पनिया भरन से छूटी रे
मोरे सर से टली बला, कबीरा भला हुआ हर बिसरे, मोरे सर से टली बला
Maa Baglamukhi dham Havan : नवजीत भारद्वाज जी कहते है कि यह संत कबीरदास का एक प्रसिद्ध दोहा है जो अहंकार और भौतिक आसक्ति के टूटने पर आनंद व्यक्त करता है। इसका अर्थ है कि ‘‘मेरी घगरी’’ (अहंकार) के फूटने से मैं ‘‘पनियां भरन’’(दुनियावी जिम्मेदारियों या अहंकार से भरे काम) से छूट गई। यह विनाश नहीं, बल्कि आध्यात्मिक मुक्ति का अवसर है, क्योंकि ‘‘सर से बला टली’’, यानी मेरे सिर से संकट और अहंकार की विपत्ति चली गई।
भला हुआ मेरी गगरी फूटी रे : यहाँ गगरी अहंकार या स्वार्थ का प्रतीक है। गगरी का फूटना अहंकार के विनाश और भौतिक आसक्ति के टूटने का प्रतीक है।
मैं तो पनिया भरन से छूटी रे : इसका अर्थ है कि मैं उन सांसारिक कामों और चिंताओं से मुक्त हो गई, जो अहंकार से प्रेरित थे। अब मैं पानी भरने के बोझ से आजाद हूँ।
मोरी सर से टली बला : यह बताता है कि अहंकार टूटने से जो संकट या विपत्ति थी, वह मेरे सिर से टल गई। यह एक बुरी घटना नहीं, बल्कि एक शुभ घटना है।
कबीरा भला हुआ हर बिसरे : संत कबीरदास जी कहते हैं कि यह बहुत अच्छा हुआ कि मेरा ध्यान सांसारिक मोह-माया, रिश्ते-नाते और भौतिक सुखों से हटकर भगवान (हरि) की ओर केंद्रित हो गया। इस तरह, मैं जीवन के वास्तविक उद्देश्य को समझ पाया और मुक्ति के मार्ग पर चल पड़ा।

नवजीत भारद्वाज जी ने एक ओर संत कबीरदास जी दोहे का अनुसरण करते हुए कहा कि
माला कहे है काठ की
तू क्या फेरे मोय
मन का मनका फेर दे,
सो तुरत मिला दूँ तोय
इसका अर्थ है कि हाथ की लकड़ी की माला फेरने से कोई लाभ नहीं होता, क्योंकि असली भक्ति तो मन की माला फेरने से होती है। यदि कोई व्यक्ति अपने मन को साध ले और उसके भीतर के विकारों को शांत और शुद्ध कर ले, तो ईश्वर तुरंत मिल सकते हैं।
नवजीत भारद्वाज जी ने प्रवचनों पर विराम लगाते हुए कहा कि यह पवित्र दोहे वैराग्य और ईश्वर भक्ति की ओर उन्मुख होने के महत्व पर जोर देते है। सभी मां भक्तों को इन दोहों के महत्व को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
नवजीत भारद्वाज ने 30 नवंबर दिन रविवार को मां बगलामुखी धाम में आयोजित होने वाले संपूर्ण फलदाई मासिक हवन यज्ञ में सम्मिलित होने के लिए सभी मां भक्तों निमंत्रण दिया उन्होंने ऐसे आयोजन आयोजनों में सपरिवार एवं मित्र संबंधियों के साथ सम्मिलित होने के लिए भी आवाहन किया।

Maa Baglamukhi dham Havan : हवन यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का भी किया गया आयोजन
इस अवसर पर अज़ीत कुमार,राकेश प्रभाकर,पूनम प्रभाकर ,सरोज बाला, समीर कपूर, प्रशांत,विक्की अग्रवाल, अमरेंद्र कुमार शर्मा, प्रदीप, दिनेश सेठ,सौरभ भाटिया,विवेक अग्रवाल, जानू थापर,दिनेश चौधरी,नरेश,कोमल,वेद प्रकाश, मुनीष मैहरा, जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया,रिंकू सैनी, कमलजीत,बलजिंदर सिंह,बावा खन्ना, धर्मपालसिंह, अमरजीत सिंह, उदय ,नरेंद्र ,रोहित भाटिया,बावा जोशी,राकेश शर्मा, अमरेंद्र सिंह, विनोद खन्ना, नवीन , प्रदीप, सुधीर, सुमीत ,जोगिंदर सिंह, मनीष शर्मा, डॉ गुप्ता,सुक्खा अमनदीप,परमजीत सिंह, दानिश, रितु, कुमार,गौरी केतन शर्मा,सौरभ ,शंकर, संदीप,रिंकू,प्रदीप वर्मा, गोरव गोयल, मनी ,नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू, गुलशन शर्मा,संजीव शर्मा, रोहित भाटिया,मुकेश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा, ऐडवोकेट शर्मा,वरुण, नितिश,रोमी, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, मोहित , विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश, नवीन कुमार, निर्मल,अनिल,सागर,दीपक,दसोंधा सिंह, प्रिंस कुमार, पप्पू ठाकुर, दीपक कुमार, नरेंद्र, सौरभ,दीपक कुमार, नरेश,दिक्षित, अनिल, कमल नैयर, अजय,बलदेव सिंह भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।

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